श्री भगवद्गीता – प्रस्तावना

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री भगवद्गीता महाभारत का सबसे अनिवार्य अंग है | जब अधार्मिक एवं बुरी ताकतों के कारण धरती माँ का भोज बढ़ता गया तो श्रीमन नारायण, द्वापर युग के अंतिम समय में श्री कृष्ण का अवतार लिए | श्री कृष्ण परमात्मा ने खुद कहा है , अवतार … Read more