श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
ब्रह्माग्नावपरे यज्ञं यज्ञेनैवोपजुह्वति ||
पद पदार्थ
अपरे – अन्य कर्मयोगी
ब्रह्मग्नौ – ब्रह्म की अग्नि में
यज्ञम् – हविस (प्रसाद) जो यज्ञ का उपकरण है
यज्ञेन – यज्ञ में प्रयुक्त सामग्री के साथ
उप जुह्वति एव – ऐसे यज्ञ करने मे पूरी तरह से केंद्रित हैं
सरल अनुवाद
अन्य कर्म योगी पूरी तरह से यज्ञ करने मे केंद्रित हैं जहां हविस (प्रसाद) जो यज्ञ का उपकरण है, और अन्य सामग्रियों को ब्रह्म की अग्नि में डाला जाता है।
अडियेन् कण्णम्माळ् रामनुजदासी
आधार – http://githa.koyil.org/index.php/4-25
संगृहीत – http://githa.koyil.org
प्रमेय (लक्ष्य) – http://koyil.org
प्रमाण (शास्त्र) – http://granthams.koyil.org
प्रमाता (आचार्य) – http://acharyas.koyil.org
श्रीवैष्णव शिक्षा/बालकों का पोर्टल – http://pillai.koyil.org