९.१७ – पिताऽहम् अस्य जगतो
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ९ << अध्याय ९ श्लोक १६ श्लोक पिताऽहमस्य जगतो माता धाता पितामह: |वेद्यं पवित्रं ओंकार ऋक् साम यजुरेव च || पद पदार्थ अस्य जगत: – इन जीवों के लिए [दुनिया के]पिता – पिता माता – माताधाता – (दूसरा) चेतन (संवेदनशील जीव ) जो सृजन में मदद … Read more