श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
सुखं तु इदानीं त्रिविधं श्रृणु मे भरतर्षभ।
पद पदार्थ
भरतर्षभ – हे भरत वंश के नेता!
इदानीं – अब
सुखं तु – सुख
त्रिविधं – तीन प्रकार
मे श्रृणु – मुझसे सुनो
सरल अनुवाद
हे भरत वंश के नेता! अब मुझसे तीन प्रकार के सुख के बारे में सुनो।
अडियेन् जानकी रामानुज दासी
आधार – http://githa.koyil.org/index.php/18-35.5/
संगृहीत – http://githa.koyil.org
प्रमेय (लक्ष्य) – http://koyil.org
प्रमाण (शास्त्र) – http://granthams.koyil.org
प्रमाता (आचार्य) – http://acharyas.koyil.org
श्रीवैष्णव शिक्षा/बालकों का पोर्टल – http://pillai.koyil.org