श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव ॥
पद पदार्थ
इदं सर्वं – ये सभी सत्ताएं
सूत्रे – एक डोरी पर
मणिगणा इव – जैसे रत्न जड़े हुए
मयि प्रोतं – मुझ पर आश्रित
सरल अनुवाद
जैसे एक डोरी में रत्न जड़े हुए हैं, वैसे ही ये सभी सत्ताएं मुझसे बंधी हुई हैं |
अडियेन् कण्णम्माळ् रामनुजदासी
आधार – http://githa.koyil.org/index.php/7-7/
संगृहीत – http://githa.koyil.org
प्रमेय (लक्ष्य) – http://koyil.org
प्रमाण (शास्त्र) – http://granthams.koyil.org
प्रमाता (आचार्य) – http://acharyas.koyil.org
श्रीवैष्णव शिक्षा/बालकों का पोर्टल – http://pillai.koyil.org