७.७ – मयि सर्वम् इदं प्रोतम्

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः

अध्याय ७

<< अध्याय ७ श्लोक ६.५

श्लोक

मयि सर्वमिदं प्रोतं  सूत्रे मणिगणा इव ॥

पद पदार्थ

इदं सर्वं – ये सभी सत्ताएं
सूत्रे – एक डोरी  पर
मणिगणा इव – जैसे रत्न जड़े हुए
मयि प्रोतं – मुझ पर आश्रित

सरल अनुवाद

जैसे  एक डोरी में रत्न जड़े हुए हैं, वैसे ही ये सभी सत्ताएं मुझसे बंधी हुई हैं |

अडियेन् कण्णम्माळ् रामनुजदासी

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