गीतार्थ संग्रह – 8
श्री: श्रीमते शठकोपाये नम: श्रीमते रामानुजाये नम: श्रीमदवरवरमुनये नम: पूर्ण श्रंखला << पूर्व अनुच्छेद सारांश श्लोक 32 एकांतत्यंतत दास्यैकरथीस् तत्पदमाप्नुयात् | तत्प्रधानमिदम् शास्त्रमिति गीतार्थसंग्रह: || परमपद – श्रीमन्नारायण भगवान का दिव्य धाम, जो परम सौभाग्य है Listen शब्दार्थ (पुत्तुर कृष्णमाचार्य स्वामी के तमिल अनुवाद पर आधारित) एकांत अत्यंत दास्यैकरथी: – परमैकांति जो सदा मात्र ऐसे … Read more