१५.६ – न तद् भासयते सूर्यो
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय १५ .<< अध्याय १५ श्लोक ५ श्लोक न तद् भासयते सूर्यो न शशाङ्को न पावक: |यद् गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम || पद पदार्थ यद् गत्वा – जहाँ पहुँचने के बादन निवर्तन्ते – कोई वापसी नहीं है (जो वहाँ पहुँच गए ,उनके लिए संसार … Read more