११.३६.५ – कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन्

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः

अध्याय ११

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श्लोक

कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन् गरीयसे ब्रह्मणोऽप्यादिकर्त्रे।

पद पदार्थ

महात्मन् – हे महा प्रभु!
गरीयसे – बड़े हो
ब्रह्मण: अपि आदिकर्त्रे – सभी प्रकार से ब्रह्मा के भी कारण हो
ते – तुम्हे
कस्मात् च न नमेरन् – वे कैसे नमन न करें?

सरल अनुवाद

हे महा प्रभु! वे तुम्हें कैसे नमन न करें, तुम जो बड़े हो और सभी प्रकार से ब्रह्मा के भी कारण हो ?

अडियेन् जानकी रामानुज दासी

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