श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
अमी (च त्वां ) सर्वे धृतराष्ट्रस्य पुत्राः सर्वे :सहैवावनिपालसङ्घैः।
भीष्मो द्रोणः सूतपुत्रस्तथाऽसौ सहास्मदीयैरपि योधमुख्यैः।।
पद पदार्थ
अमी सर्वे धृतराष्ट्रस्य पुत्राः – धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों जो हमारे पार दिखाई देते हैं
भीष्म: – भीष्म, पितामह
द्रोण: – द्रोण, शिक्षक
तथा असौ सूतपुत्र: – कर्ण जो यहाँ भी देखा जाता है
अवनि पाल सङ्घैः सर्वै: सह – सभी शासक (जो उनके पक्ष में हैं)
अस्मदीयै: अपि योधमुख्यै: – साथ ही हमारी ओर से भी कुछ योद्धा
सरल अनुवाद
धृतराष्ट्र के सभी सौ पुत्रों, जो हमारे पार दिखाई देते हैं, भीष्म, द्रोण, और कर्ण जो यहाँ भी देखा जाता है, सभी शासक (जो उनके पक्ष में हैं) और हमारे पक्ष के कुछ योद्धा भी …
अडियेन् कण्णम्माळ् रामानुज दासी
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