श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन् गरीयसे ब्रह्मणोऽप्यादिकर्त्रे।
पद पदार्थ
महात्मन् – हे महा प्रभु!
गरीयसे – बड़े हो
ब्रह्मण: अपि आदिकर्त्रे – सभी प्रकार से ब्रह्मा के भी कारण हो
ते – तुम्हे
कस्मात् च न नमेरन् – वे कैसे नमन न करें?
सरल अनुवाद
हे महा प्रभु! वे तुम्हें कैसे नमन न करें, तुम जो बड़े हो और सभी प्रकार से ब्रह्मा के भी कारण हो ?
अडियेन् जानकी रामानुज दासी
>> अध्याय ११ श्लोक ३७ और ११.३७.५
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