अध्याय ३ – कर्म योग या कर्म पथ

श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमद्वरवरमुनये नमः

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आळ्वारतिरुनगरी, श्रीपेरुम्बुतूर, श्रीरंगम और तिरुनारायणपुरम में भगवत रामानुज

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