१८.४२ – शमो दम: तप: शौचं
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय १८ << अध्याय १८ श्लोक ४१ श्लोक शमो दमस्तप : शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च |ज्ञानं विज्ञानमास्तिक्यं ब्रह्मकर्म स्वभावजम् || पद पदार्थ शम:- बाह्य इन्द्रियों पर नियंत्रणदम:- मन को नियंत्रित करनातप:-शास्त्र में बताए अनुसार शरीर से तपस्या करनाशौचं – शास्त्र में निर्धारित गतिविधियों में संलग्न होने की … Read more