६.१० – योगी युञ्जीत सततम्
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ६ << अध्याय ६ श्लोक ९ श्लोक योगी युञ्जीत सततमात्मानं रहसि स्थित: |एकाकी यतचित्तात्मा निराशीरपरिग्रह: || पद पदार्थ योगी – ( पहले बताया गया ) कर्म योगीसततं – हर दिन, योग अभ्यास के लिए विशिष्ट समय निर्धारितरहसि स्थित: – एकांत स्थान पर रहकरएकाकी – और … Read more