श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
संजय उवाच
तं तथा कृपयाविष्टमश्रु पूर्णाकुलेक्षणम् ।
विषीदन्तम् इदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥
पद पदार्थ
संजय उवाच – संजय ने कहा
तथा – उस प्रकार
कृपयाविष्टम् – दया से भरपूर
अश्रु पूर्णाकुलेक्षणम् – आँसू भरे आंखों के साथ
विषीदन्तम् – निराश
तं – ऐसे अर्जुन के प्रति
मधुसूदनः – मधुसूदन (कृष्ण )
इदं वाक्यमुवाच – इस वाक्य का उपदेश दिया
सरल अनुवाद
संजय ने कहा – अर्जुन को दया से प्रभावित , निराश तथा आँसू भरे आंखों के साथ देखकर ऐसे अर्जुन के प्रति मधुसूदन इस प्रकार उपदेश दिया ( जैसे पहले व्यक्त की गयी हो ) |
अडियेन् जानकी रामानुज दासी
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