१.२० – अथ व्यवस्थितान् दृष्ट्वा

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः

अध्याय १

< < अध्याय १  श्लोक १९

श्लोक

अथ व्यवस्थितान् दृष्ट्वा धार्तराराष्ट्रान् कपिध्वजः ।
प्रवृत्ते शस्त्र सम्पाते धनुरुध्यम्य पाण्डवः ॥

पद पदार्थ 

अथ – दोनों सेनाओं की गर्जना के बाद
कपिध्वज:- अर्जुन, जिसके ध्वज में हनुमान हैं
शस्त्र सम्पाते प्रवृत्ते सति  – जब युद्ध शुरू हुआ
व्यवस्थितान् धृतराष्ट्र दृष्ट्वा – अग्रिम पंक्ति में खड़े धृतराष्ट्र के पुत्रों  की ओर  
धनु:-  गाण्डीव धनुष को 
उद्यम्य – ऊपर उठाया

सरल अनुवाद

दोनों सेनाओं की गर्जना के बाद, जब युद्ध शुरू हुआ, अर्जुन ने अपने गाण्डीव धनुष को अग्रिम पंक्ति में खड़े धृतराष्ट्र के पुत्रों की ओर उठाया,  … (अगले श्लोक में जारी)।

>>अध्याय १ श्लोक १.२१

अडियेन् कण्णम्माळ् रामानुजदासि

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