श्री भगवद्गीता का सारतत्व – अध्याय १६ (दैवासुर सम्पत् विभाग योग)
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री भगवद्गीता – प्रस्तावना << अध्याय १५ गीता संग्रह के बीसवें श्लोक में आळवन्दार स्वामीजी सोलहवें अध्याय का सारांश समझाते हुए कहते हैं, “ सोलहवें अध्याय में – सत्य (जिसे प्राप्त करना है) के ज्ञान और विधि के अभ्यास (जिससे लक्ष्य प्राप्त होगा) को स्थापित करने … Read more