१६.२४ – तस्माच् चास्त्रं प्रमाणं
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय १६ << अध्याय १६ श्लोक २३ श्लोक तस्माच्छास्त्रं प्रमाणं ते कार्याकार्यव्यवस्थितौ |ज्ञात्वा शास्त्रविधानोक्तं कर्म कर्तुमिहार्हसि || पद पदार्थ तस्मात् – इस प्रकारते – तुम्हारे लिएकार्या कार्य व्यवस्थितौ – यह निर्धारित करने के लिए कि क्या करना है और क्या त्यागना हैशास्त्रं – वेद ही एकमात्र … Read more