१६.१ – अभयं सत्त्वसंशुद्धिः
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय १६ << अध्याय १५ श्लोक २० श्लोक श्री भगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धिः ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्।। पद पदार्थ श्री भगवानुवाच – भगवान श्री कृष्ण ने कहाअभयं – निर्भयतासत्त्व संशुद्धिः – हृदय की पवित्रताज्ञान योग व्यवस्थितिः – आत्मा (जो पदार्थ से भिन्न है) पर ध्यान केन्द्रित … Read more