श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः
श्लोक
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः ।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि ॥
पद पदार्थ
सर्वे एव भवन्त: – आप सभी
सर्वेषु अयनेषु च – (व्यूह (पंक्ति) में प्रवेश करने की ) सभी मार्गों में
यथाभागं अवस्थिता: – अपने पदों को छोड़े बिना
भीष्मं एव – भीष्म को ही
अभिरक्षन्तु – चारों ओर से घेरकर रक्षा करें
सरल अनुवाद
आप सभी (व्यूह (पंक्ति) में प्रवेश करने की ) सभी मार्गों में अपने पदों को छोड़े बिना भीष्म को ही चारों ओर से घेरकर उनकी रक्षा करें।
अडियेन् कण्णम्माळ् रामानुजदासि
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