१३.२१ – कारणं गुणसङ्गोऽस्य

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः

अध्याय १३

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श्लोक

कारणं गुणसङ्गोऽस्य सदसद्योनिजन्मसु।।

पद पदार्थ

अस्य – इस पुरुष (आत्मा) के लिए
सत् असत् योनि जन्मसु – उच्च योनियों (जैसे देव) और निम्न योनियों (जैसे पशु, पौधे) में जन्म लेने का
कारणं – कारण
गुण सङ्ग: – सुख और दुःख के प्रति आसक्ति है, जो सत्व, रजस और तमस गुणों के कारण होता है

सरल अनुवाद

इस पुरुष के लिए उच्च योनियों (जैसे देव) और निम्न योनियों (जैसे पशु, पौधे) में जन्म लेने का कारण सुख और दुःख के प्रति आसक्ति है, जो सत्व, रजस और तमस गुणों के कारण होता है।

अडियेन् जानकी रामानुज दासी

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