६.४३.५ – पूर्वभ्यासेन तेनैव
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ६ << अध्याय ६ श्लोक ४३ श्लोक पूर्वभ्यासेन तेनैव ह्रियते ह्यवशोऽपि स: | पद पदार्थ तेन पूर्वभ्यासेन एव – पिछले जन्म में किए गए योगाभ्यास के परिणामस्वरूपस:- वहअवशा: अपि – अनायासह्रियते – आकर्षित हो जाता है (योग की ओर) सरल अनुवाद पिछले जन्म में किए … Read more