श्री भगवद्गीता का सारतत्त्व – अध्याय ६ (अभ्यास योग)
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री भगवद्गीता – प्रस्तावना <<अध्याय ५ गीतार्थ संग्रह के दसवें श्लोक में, आळवन्दार् छठे अध्याय का सारांश समझाते हुए कहते हैं, “छठे अध्याय में योग का अभ्यास करने की विधि (जो आत्मसाक्षर – आत्मबोध की ओर ले जाती है), चार प्रकार के योगी , व्यायाम् , … Read more