९.२७ – यत्करोषि यदश्नासि
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ९ << अध्याय ९ श्लोक २६ श्लोक यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् |यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम् || पद पदार्थ कौन्तेय – हे कंतीपुत्र !यत् करोषि – तुम (अपनी आजीविका के लिए) जो भी सांसारिक गतिविधियाँ करते होयत् अश्नासि – (इस दुनिया में जीवित रहने के … Read more