१३.३४ – क्षेत्रक्षेत्रज्ञयो: एवं अन्तरं
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय १३ << अध्याय १३ श्लोक ३३ श्लोक क्षेत्रक्षेत्रज्ञयो: एवं अन्तरं ज्ञानचक्षुषा।भूतप्रकृतिमोक्षं च ये विदुर्यान्ति ते परम्।। पद पदार्थ एवं – जैसा कि इस अध्याय में बताया गया हैक्षेत्र क्षेत्रज्ञयो: अन्तरं – क्षेत्र (शरीर) और क्षेत्रज्ञ (आत्मा) के बीच के अंतरभूत प्रकृति मोक्षं च – अमानित्व … Read more