२.६२ – ध्यायतो विषयान्पुम्सः
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय २ << अध्याय २ श्लोक ६१ श्लोक ध्यायतो विषयान्पुम्स: सङ्गस्तेषूपजायते ।सङ्गात् संजायते कामः कामात् क्रोधोSभिजायते ॥ पद पदार्थ विषयान् – इन्द्रिय वस्तुओं पर जो ध्वनि, स्पर्श, रूप , रस , गंध हैंध्यायता :- ध्यान करता है (इनके प्रति अनादिकाल से रुचि के कारण)पुम्स:- व्यक्ति के लिए … Read more