६.१४ – प्रशान्तात्मा विगतभी:
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ६ << अध्याय ६ श्लोक १३ श्लोक प्रशान्तात्मा विगतभीर्ब्रह्मचारिव्रते स्थित: |मन: संयम्य मच्चित्तो युक्त आसीत मत्पर: || पद पदार्थ प्रशान्तात्मा – शांत मन के साथविगतभी: – निर्भय होकरब्रह्मचारि व्रते स्थित: – ब्रह्मचर्य का पालन करतेमन: संयम्य – मन को नियंत्रित करकेमच्चित्त: – मुझपर मनन करते … Read more