४.२६ – शब्दादीन् विषयान् अन्य
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ४ << अध्याय ४ श्लोक २५.५ श्लोक शब्दादीन्विषयानन्य इन्द्रियाग्निषु जुह्वति ॥ पद पदार्थ अन्ये – फिर कोई कर्मयोगीशब्दादीन् विषयान् – ध्वनि जैसी इंद्रिय-विषयइंद्रिय अग्निषु – इंद्रिय अंगों की अग्नि मेंजुह्वति – यज्ञ में संलग्न हों सरल अनुवाद फिर कोई कर्म योगी इंद्रिय विषयों जैसे ध्वनि … Read more