४.१० – वीतरागभयक्रोधा
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ४ << अध्याय ४ श्लोक ९ श्लोक वीतरागभयक्रोधा मन्मया मामुपाश्रिता: |बहवो ज्ञानतपसा पूता मद्भावम् आगता: || पद पदार्थ ज्ञान तपसा पूता: – अवतार रहस्य ज्ञान ( भगवान की अवतारों का सत्य जानकर ) की तपस्या से सादन की प्राप्ति के बाधाओं को हटाकेबहव: – कईमाम् … Read more