८.२१ – अव्यक्तोऽक्षर इत्युक्तस्
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ८ << अध्याय ८ श्लोक २० श्लोक अव्यक्तोऽक्षर इत्युक्तस्तमाहु: परमां गतिम् |यं प्राप्य न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम || पद पदार्थ अव्यक्त: अक्षर: इत्युक्त –[उस मुक्तात्मा को] “अव्यक्त”, “अक्षर” के नाम से जाना जाता है।तम् – उसेपरमां गतिम् – अंतिम लक्ष्यआहु: – (कैवलयार्थी (आत्मानंद चाहने … Read more