५.२६ – कामक्रोधवियुक्तानां
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ५ << अध्याय ५ श्लोक २५ श्लोक कामक्रोधवियुक्तानां यतीनां यतचेतसाम् |अभितो ब्रह्मनिर्वाणं वर्तते विजितात्मनाम् || पद पदार्थ काम क्रोध वियुक्तानां – वासना और क्रोध से रहितयतीनां – कामुक सुख से रहितयतचेतसां – अनन्य रूप से आत्मा पर ध्यान केंद्रित होते हुएविजितात्मनां – कर्म योगी के … Read more