३.२७ – प्रकृतेः क्रियमाणानि
अध्याय ३ << अध्याय ३ श्लोक २६ श्लोक प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः ।अहंकार विमूढात्मा कर्ताऽहमिति मन्यते ॥ पद पदार्थ अहंकार विमूढात्मा – जिसका आत्मा अहंकार ( शरीर को आत्मा समझना ) से व्यापित होप्रकृतेः गुणैः – प्रकृति के तीन गुणों ( सत्व, रजस, तमस ) के कारणसर्वशः क्रियमाणानि – किये जाने वाले ( उन … Read more