श्री भगवद्गीता का सारतत्व – अध्याय १४ (गुणत्रय विभाग योग)
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री भगवद्गीता – प्रस्तावना << अध्याय १३ गीता संग्रह के अठारहवें श्लोक में श्री आळवन्दार स्वामीजी चौदहवें अध्याय का सारांश समझाते हुए कहते हैं, “चौदहवें अध्याय में – किस प्रकार तीन प्रकार के गुण अर्थात् सत्व, रजस् और तमस् , इस संसार (भौतिक जगत) में बाँधते … Read more