६.२९ – सर्वभूतस्थम् आत्मानम्
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः अध्याय ६ << अध्याय ६ श्लोक २८ श्लोक सर्वभूतस्थमात्मानं सर्वभूतानि चात्मनि ।ईक्षते योगयुक्तात्मा सर्वत्र समदर्शनः ॥ पद पदार्थ योग युक्तात्मा – जिसका मन योग अभ्यास में लगा हैसर्वत्र – सभी आत्माओं में (आत्मा जो विषयों से संबंधित नहीं है)समदर्शन: – समान रूप की स्थिति को देखना (ज्ञान, … Read more